Pages

Sunday 14 July 2013

ये क्या ज़गह है

जहाँ 
एक अप्रत्याशित
तरल शान्ति होती है !

यहाँ इतना तापमान होता है
कि जो जमता है
वही पिघलता हुआ दिखता है !!

इसी जगह पर
कुछ कविताओं का होता है
अनिवार्य प्रसव
तो यहीं पर
कुछ कथाएं
जनमती हैं समय पूर्व !!

यहीं पर आते हैं
दुनिया के
सारे गुमनाम भूकम्प
और यहीं से
साध लिया जाता है
पृथ्वी को उसकी धुरी पर !!!

इसी भूमध्य रेखा पर
दोनों गोलार्धों का दबाव
सबसे अधिक होता है ।