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Monday, 11 July 2011

पहला प्यार


पहले प्यार के जीवाश्म
दबे रह जाते हैं
जीवन की परतों में ।

उम्र की सदियाँ गुज़र जाने के बाद
अचानक एक रोज़
पड़ती है एक कुदाल
परतों के बीच से
कोई निकाल लाता है
पहले प्यार के गुणसूत्र ।

कहते हैं
एक ही राग था
जो बजता रहा
पीढ़ी दर पीढ़ी
बस बंदिशें बदल गयीं थीं ।

1 comment:

rita mishra said...

PAHLA PYAR PAHLI BARSAAT KI TRAH HOTA HAI ...BUKHAR ,KHUJLI,KHAAJ, SHARDI OR NA JANE KAUN KAUN SE DARD DEKE JATA HAI....SARI BEMARTIYO KE ZAD HOTA HAI PAHLA PAYAR...