पहले प्यार के जीवाश्म
दबे रह जाते हैं
जीवन की परतों में ।
उम्र की सदियाँ गुज़र जाने के बाद
अचानक एक रोज़
पड़ती है एक कुदाल
परतों के बीच से
कोई निकाल लाता है
पहले प्यार के गुणसूत्र ।
कहते हैं
एक ही राग था
जो बजता रहा
पीढ़ी दर पीढ़ी
बस बंदिशें बदल गयीं थीं ।
1 comment:
PAHLA PYAR PAHLI BARSAAT KI TRAH HOTA HAI ...BUKHAR ,KHUJLI,KHAAJ, SHARDI OR NA JANE KAUN KAUN SE DARD DEKE JATA HAI....SARI BEMARTIYO KE ZAD HOTA HAI PAHLA PAYAR...
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