सपने में रोते हुए
सचमुच के आँसू निकल आते हैं.
सपने में गूँजती है
सचमुच की हँसी ।
कुछ लोग
सपने में ही बिछड़ जाते हैं
तो कुछ लोगों का मिलना
किसी सपने जैसा ही होता है ।
वो नींद
कितनी पवित्र होती होगी
और कैसी अदम्य छटपटाहट से भरी,
जिसके सपने सच हो जाते हैं ।
ऐसी ही किसी नींद के
एक अप्रत्याशित स्वप्न में
मुझे तुम मिलीं
और मेरा पूरब
एक सूर्योदय की लालिमा से भर गया ।
सचमुच की हँसी ।
कुछ लोग
सपने में ही बिछड़ जाते हैं
तो कुछ लोगों का मिलना
किसी सपने जैसा ही होता है ।
वो नींद
कितनी पवित्र होती होगी
और कैसी अदम्य छटपटाहट से भरी,
जिसके सपने सच हो जाते हैं ।
ऐसी ही किसी नींद के
एक अप्रत्याशित स्वप्न में
मुझे तुम मिलीं
और मेरा पूरब
एक सूर्योदय की लालिमा से भर गया ।
1 comment:
bahut sundar abhivyakti
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