वह कुछ पराजयों की
सार्वजनिक स्वीकृति है
तो कुछ न लड़ी गई लड़ाइयों की
गुमनाम कहानी भी.
अब जो जीवन है
वह एक टूटा हुआ नक्षत्र
जिस पर दुनिया भर की
वेधशालाओं की लगी है नज़र
और खगोलशास्त्री उसे
किसी महासागर में
सावधानी से गिराने मे जुटे हैं.
अब जो जीवन है
वह प्रधानमंत्री का विजयघोष है.
वह वेश्या की संतुष्टि है
काशी के पंडितों का
फलित ज्योतिष है अब का जीवन.
अब जो जीवन है
वह बम्बई का मुम्बई
और मद्रास का चेन्नई है.
-विमलेन्दु
2 comments:
chamatkrit karti rachna
काल के खंडरों को समेटते, नामों को बदलते अपनी उर्जा खोते, अब का जीवन ...
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