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Saturday, 28 January 2012

जादुई यथार्थ...!


  आज पीलार तर्नेरा की याद आई तो Marquez का उपन्यास One Hundred Years of Solitude निकाला.....हिन्दी मे इसका तर्जुमा सोन्या सुरभि गुप्ता ने किया है---एकान्त के सौ बरस---नाम से.......स्पेनिश में यह उपन्यास 1967 में छपा था.अब तक इसकी 2 करोड़ से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं.......दरअसल हमारे देश में इसी उपन्यास के बाद जादुई यथार्थवाद के नारे लगने शुरू हुए थे........यह बुएन्दीया परिवार की सात पीढ़ियों की दास्तान है.....दक्षिण अमेरिका के कोलंबिया देश में, माकोन्दो नदी के किनारे, बुएन्दीया परिवार के पितामह -खोसे अर्कादियो बुएन्दीया ने माकोन्दो शहर बसाया था......उपन्यास में ऐसी कथाएँ हैं कि जैसे कोई जादू का खेल हो......पीलार की बात मैं अभी नहीं करूँगा.......पर आप सबने हमारे पुराणों की कथा सुनी-पढ़ी है......तीन-चार हज़ार वर्ष पहले ये कथाएँ लिखी कही गयी थीं......इन कथाओं के जादुई यथार्थ पर हमने कभी बात नहीं की...क्यों..????

1 comment:

Kanchan Lata Jaiswal said...

great .............but make more clear.