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Wednesday, 13 June 2012

अब आवाज़ में हैं मेहदी हसन !








दुनियां मे कुछ ही आवाज़ें ऐसी हैं
जो सबकी आवाज़ बन जाती हैं....
मेहदी हसन की आवाज़ उन्हीं मे से थी.


कितने लोगों के खामोश दुखों, 
बेक़रार प्यार में बोलते थे मेहदी हसन.....


कैसी भयानक रातें हम काट लेते थे 
इस आवाज़ की लाठी पकड़ कर.....


रेगिस्तान पार करते हुए जब पानी खत्म हो जाता 
तो इस आवाज़ का दरिया दिख जाता था.....
जंगल मे रास्ता भटक जायें 
तो रौशन हो उठती है ये आवाज़......


जिनका कोई घर नहीं, दर नहीं...
उनके लिए एक ज़गह थी ये आवाज़..............

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