उस दिन हमने
एक दूसरे को
सौंप दी थी अपनी दुनिया
अब मैं उसका एकांत था
और वो मेरी।
हमने अपने चेहरे
सपाट कर लिए
और रगड़ रगड़ कर
मिटाते रहे
उस पर लिखी इबारतें।
उसी दिन
हमने एक बाड़ लगाई
अपने चारों ओर
और खुद को
बेदखल कर लिया
धरती और आकाश से।
हमने भुला दिए सभी स्वाद
आँखों से उतार कर
सभी तस्वीरें
फेंक आए समन्दर में।
बस इतना ही किया
प्रेम के पहले दिन !
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